पार्ट – 2 :- नगर पालिका चुनाव में फर्जी प्रमाण पत्र से नामांकन पर पार्षद प्रत्याशी पर गंभीर आरोप, जांच की मांग तेज! पार्ट – 5 मे एक- एक दस्तावेज के साथ नाम का होगा खुलासा!
1 min readपार्ट-2
नगरपालिका मे फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाकर चुनाव लड़ने का आरोप, लोक सेवा केंद्र संचालक ने कहा मेरा नहीं है शील, हस्ताक्षर!
खरसिया :- नगर पालिका के हालिया पार्षद चुनाव में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक पार्षद प्रत्याशी पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नामांकन दाखिल करने का गंभीर आरोप लगा है। बताया जा रहा है कि संबंधित अभ्यर्थी ने एक अधूरे दस्तावेज के साथ फर्जी जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया, जो बाद में लोक सेवा केंद्र द्वारा अमान्य घोषित कर दिया गया।
लोक सेवा केंद्र के संचालक ने स्पष्ट किया है कि प्रस्तुत किए गए प्रमाण पत्र पर जो सील और हस्ताक्षर लगे थे, वे उनके नहीं हैं। साथ ही यह भी बताया गया कि दस्तावेज अपूर्ण था और इसी कारण आवेदन को तत्काल अस्वीकार कर दिया गया था।
घोटाले की गूंज – नागरिकों में आक्रोश, निष्पक्ष जांच की मांग
जैसे ही यह मामला सामने आया, स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों में रोष फैल गया। नागरिकों ने मांग की है कि मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
संभावित प्रशासनिक मिलीभगत?
सूत्रों की मानें तो यह फर्जी प्रमाण पत्र तहसील कार्यालय या अन्य जिम्मेदार शासकीय विभाग के कुछ कर्मियों की मिलीभगत और दबाव के चलते तैयार कराया गया हो सकता है। यदि जांच में यह बात प्रमाणित होती है, तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज होना तय है।
—
जानकारी मुताबिक उक्त पार्षद प्रत्याशी वर्तमान मे आनन फानन तरीके से जाति प्रमाण पत्र बनाने के फिराक मे दस्तावेज तैयार कर रहा हैं.
क्या कहते हैं कानूनी विशेषज्ञ?
कानून विशेषज्ञों का मानना है कि यदि कोई अभ्यर्थी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर चुनाव लड़ता है, तो वह न केवल चुनाव नियमों का उल्लंघन है, बल्कि यह भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 468 (जालसाजी) और 471 (फर्जी दस्तावेजों का उपयोग) जैसे गंभीर अपराधों के अंतर्गत आता है।