न्याय की बात

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*देश में होने वाले परिसीमन सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर समाज बहुत जल्द महामहिम राष्ट्रपति से मिलेगा–आर एन ध्रुव*

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  • *देश में होने वाले परिसीमन सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर समाज बहुत जल्द महामहिम राष्ट्रपति से मिलेगा–आर एन ध्रुव*

राज गोंड सेवा समिति तेलंगाना राज्य द्वारा आयोजित राज गोंड सेवा समिति के नवनिर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष पूर्व सांसद श्री सोयम बापू राव के सम्मान समारोह एवं आदिवासी सम्मेलन दिनांक 27.7.2025 दिन रविवार को एसटीयू भवन गांधी पार्क रोड आदिलाबाद तेलंगाना में संपन्न हुआ। कार्यक्रम में हजारों की तादाद में राज गोंड समाज के लोग तेलंगाना राज्य के विभिन्न जिलों के साथ महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ ,तमिलनाडु से उपस्थित थे। कार्यक्रम का शुभारंभ पारंपरिक बाजे गाजे के साथ महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कोमराम भीम के मूर्ति की पूजा अर्चना के साथ विराट रैली से हुआ।
इस अवसर पर नवनिर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष को हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए गोंडवाना गोंडवाना महासभा के राष्ट्रीय सचिव आर एन ध्रुव ने कहा कि हमें हमारी कमजोरी क्या है और हमारी ताकत क्या हो सकती है इस पर ध्यान देना होगा। देश के राष्ट्रपति जनजाति समाज की है, इसलिए अनुसूचित जनजाति वर्ग के विभिन्न मुद्दों को लेकर महामहिम राष्ट्रपति से शीघ्र मिलना होगा। समाज के नाम पर राजनीति करने वालों से बचना होगा। हमें आपस में लड़ने के बजाय आदिवासी हितों की रक्षा हेतु प्रयास करना होगा।

उन्होंने कहा कि संवैधानिक व्यवस्था के तहत परिसीमन का प्रावधान है। 1971 में की गई जनगणना के आधार पर परिसीमन का कार्य हुआ था। जिसके आधार पर 543 सीट आज लोकसभा में है। 2026 की जनगणना के बाद सीटें लगभग 740 हो जाएंगे। देश में अनुसूचित जनजाति समाज की जनसंख्या लगभग 9% है। 2026 में जनगणना कार्य के समय आदिवासी समाज की पूरी आबादी को अपने-अपने क्षेत्र में रहना होगा। पलायन की स्थिति में विधानसभा सीटों पर प्रभाव पड़ सकता है। आदिवासी क्षेत्रों में माइंस के कारण बाहरी लोग आकर बस गए हैं। जिसके कारण डेमोग्राफी बदल गई है। इसलिए आगामी जनगणना में हमारी जनसंख्या कम हो सकती है।
2026 के जनगणना परिसीमन में आरक्षित सीटों को कम करने का प्रयास करेंगे। इसलिए हमें जागरूक रहना होगा। विधानसभा ,लोकसभा परिसीमन में आदिवासी क्षेत्र के मामले में भौगोलिक स्थिति , सांस्कृतिक स्थिति पर गौर करते हुए जनसंख्या कम होते हुए भी परिसीमन करना होगा तभी हम आदिवासियों के साथ न्याय कर पाएंगे।

गोंडी भाषा सबसे प्राचीन भाषा है गोंडी से टूटा हुआ भाषा कन्नड़, तमिल, तेलुगू है। कर्नाटक के बहुत सारे गांव के नाम गोंडी भाषा से मिलता– जुलता है। गोंडी भाषा हमारी पहचान है जो समाप्ति की ओर जा रहा है। इसलिए हमें हर हाल में गोंडी भाषा को बचाए रखना है। स्थानीय भाषा के विकास हेतु सामाजिक स्तर पर कमेटी गठित हो।
कई राज्यों में गलत ढंग से दूसरे देश के लोगों को नागरिकता दी जा रही है । विदेशी लोग मतदाता सूची में अपना नाम तक जुड़वा रहे हैं। जबकि राज्य सरकार को नागरिकता देने का अधिकार नहीं है। हमें इस पर देश का ध्यान आकृष्ट कराना होगा। जिससे मूल आदिवासियों की जनसंख्या पर विपरीत प्रभाव न पड़े।

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार राज्य सरकार छत्तीसगढ़ में पदोन्नति में आरक्षण लागू करें।आदिवासी क्षेत्र में भारत के संविधान 16(3) के प्रावधानों का पालन करते हुए स्थानीय स्तर के बच्चों को नौकरी में प्राथमिकता दें जिससे तरह-तरह की घटनाएं जो ट्राइबल इलाके में हो रही है उस पर लगाम लगेगी। छात्रवृत्ति के लिए ढाई लाख की आय सीमा की बाध्यता करने से हमारे आदिवासी वर्ग के बच्चे उच्च शिक्षा से वंचित हो रहे हैं । जबकि सामान्य वर्ग के बच्चों के लिए 8 लाख की आय सीमा निर्धारित की गई है । ऐसा दोहरा मापदंड होने से समाज को भारी नुकसान हो रहा है। क्योंकि आदिवासी जन्म से ही आदिवासी होता है। इसलिए आय सीमा की बाध्यता समाप्त होनी चाहिए।
काेमराम भीम, वीर गुंडाधुर,भगवान बिरसा मुंडा, सिद्धू कानू, एकलव्य ,राजा शंकर शाह रघुनाथ शाह, ग़हिरा गुरु जैसे अनेकों विभूतियां, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के जीवनियों को पाठ्यक्रम में सम्मिलित करने की आवश्यकता है। जिससे आगामी पीढ़ी उन्हें याद रख सके। समाज में अनुकूल प्रभाव पड़े इसलिए दलगत विचारधारा से ऊपर उठकर समाज को आगे लाने के लिए कार्य करना होगा।

पांचवी अनुसूची क्षेत्र के जमीन का हस्तांतरण गैर आदिवासियों को किसी भी स्थिति में नहीं हो सकता। गैर आदिवासी लोग आदिवासी समाज की महिलाओं से शादी करके जमीन की लूट कर रहे हैं। बड़े उद्योग ,व्यापार में विस्थापन के पहले आदिवासियों को व्यवस्थापन अनिवार्य होनी चाहिए।
लैंड प्रोटेक्शन के लिए कमेटी बननी चाहिए। इस अवसर पर राष्ट्रीय पदाधिकारी सिडाम आरजू, तेलंगाना के पूर्व सांसद, विधायकों के साथ छत्तीसगढ़ से श्रीमती लोकेश्वरी नेताम, युवा प्रभाग हेमलाल मरकाम, महेंद्र नेताम, घनश्याम जुर्री विशेष रूप से उपस्थित थे।

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